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Friday, February 10, 2017

Manusmriti ka sach


Manusmriti ka sach

एक आरोप ये भी लगाया जाता है कि जब ब्राह्मणों का वर्चस्व खत्म होने लगा तो उस वक़्त ब्राह्मणों ने मनुस्मृति लिख डाली, जबकि मनु जी द्वारा लिखित यह पुस्तक बहुत ही प्राचीन है। 'महाभारत' में महाराजा मनु की चर्चा बार-बार की गई है (महाभारत अनुशासन पर्व और शांतिपर्व देखें), किंतु मनुस्मृति में महाभारत, कृष्ण या वेदव्यास का नाम तक नहीं है आखिर क्यों ? महाभारत का रचनाकाल 3150 ईसा पूर्व अर्थात आज से लगभग 5,165 वर्ष पूर्व का माना जाता है। '

आधुनिक शोध के अनुसार श्रीराम का जन्म 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व हुआ था अर्थात आज से 7,128 वर्ष पूर्व। महर्षि वाल्मीकि रचित रामायण (वाल्मीकि रामायण 4-18-30, 31, 32 देखें) में मनुस्मृति के श्लोक व महाराज मनु की प्रतिष्ठा मिलती है आखिर कैसे ?

महाभारत और रामायण में ऐसे कुछ श्लोक हैं, जो मनुस्मृति से ज्यों के त्यों लिए गए हैं। अतः ऐसा सिद्ध होता है कि मनु महाराज श्रीकृष्ण और श्रीराम से पहले हुए थे और उनकी मनुस्मृति उन्हीं के काल में लिखी गई थी।

सन् 1932 में जापान के एक बम विस्फोट द्वारा चीन की ऐतिहासिक दीवार का एक हिस्सा टूट गया था। टूटे हुए इस हिस्से से लोहे का एक ट्रंक मिला जिसमें चीनी भाषा में एक प्राचीन पांडुलिपियां भरी हुई थीं। ये पांडुलिपियां सर आगस्टस रिट्ज जॉर्ज (Sir Augustus Fritz) के हाथ लग गईं और उन्होंने इसे ब्रिटिश म्यूजियम में रखवा दिया था। उन पांडुलिपियों को प्रोफेसर एंथोनी ग्रेम ( Prof. Anthony Graeme) ने चीनी विद्वानों से पढ़वाया तो यह जानकारी मिली...

चीन के राजा ‍शी लेज वांग (Chin-Ize-Wang) ने अपने शासनकाल में यह आज्ञा दी कि सभी प्राचीन पुस्तकों को नष्ट कर दिया जाए। इस आज्ञा का मतलब था कि कि चीनी सभ्यता के सभी प्राचीन प्रमाण नष्ट हो जाएं। तब किसी विद्याप्रेमी ने पुस्तकों को ट्रंक में छिपाया और दीवार बनते समय चुनवा दिया। संयोग से ट्रंक विस्फोट से निकल आया।

चीनी भाषा के उन हस्तलेखों में से एक में लिखा है ‍कि मनु का धर्मशास्त्र भारत में सर्वाधिक मान्य है, जो वैदिक संस्कृत में लिखा है और 10,000 वर्ष से अधिक पुराना है तथा इसमें मनु के श्लोकों की संख्या 630 भी बताई गई है। ...किंतु वर्तमान में मनु स्मृति में 2400 के आसपास श्लोक हैं। इसका मतलब आप समझ लीजिए मनुस्मृति को बदनाम करने के लिए और हिंदुओं में फुट डालने के लिए कितने श्लोक मिलाए गए हैं।

इस दीवार के बनने का समय लगभग 220 से 206 ईसा पूर्व का है अर्थात लिखने वाले ने कम से कम 220 ईसा पूर्व ही मनु के बारे में अपने हस्तलेख में लिखा। 220+10,000= 10,220 ईसा पूर्व मनुस्मृति लिखी गई होगी अर्थात आज से 12,234 वर्ष पूर्व मनुस्मृति उपलब्ध थी।

धर्मशास्त्रीय ग्रंथकारों के अतिरिक्त शंकराचार्य, शबरस्वामी जैसे दार्शनिक भी प्रमाणरूपेण इस ग्रंथ को उद्धृत करते हैं। कुछ विद्वान मानते हैं कि परंपरानुसार यह स्मृति स्वायंभुव मनु द्वारा रचित है, वैवस्वत मनु या प्राचनेस मनु द्वारा नहीं।

स्वायंभुव मनु 9057 ईसा हुए थे। ये भगवान ब्रह्मा की दो पीढ़ी बाद हुए थे, याने 10000 साल प्राचीन पुस्तक है ये... और इसकी सही प्रति लेना हो तो वो कहीं भी ना मिले पर फिर भी गीता प्रेस गोरखपुर से प्रकाशित पुस्तक ठीकठाक है।

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