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Friday, February 10, 2017

Samvidhan 1

भारत का संविधान ---  ( हिन्दूओ के चारो वर्णो के लिए कितना खतरनाक )

मेने जैसे भारत के संविधान को कुरआन का ही लेटेस्ट वजर्न कहना शुरू कर  दिया है , दरअसल  मेरा मानना तो यह है , की इस्लाम को भारत में विशेषाधिकार देने की जगह , कुछ कम  अधिकार उन्हें अन्यो से  कम देने चाहये थे , जिससे हिन्दुओ  की आजादी के बाद भी उनके ही देश में  इतनी जाने नहीं जाती ।।

विभाजन हो चुका था ,   विभाजन से पहले भारत  के हिन्दू देश के लिए लड़ रहे थे , और मुसलमान  पाकिस्तान के लिए , जिन इक्के दुक्के मुसलमानो ने अगर स्वतंत्रता संग्राम में प्राण भी दिए , तो उसके एवज में भारत  माँ की भुजाएं तोड़ दी , मुसलमानो के कारण भारत माँ का मुकुट उनसे छीन  गया , फिर भी ना जाने क्यू इस देश के कांग्रेसी नेताओ ने उन्हें अधिकार पर अधिकार देते  दिए।

 यह सब फ़ालतू की बकवास है की अंग्रेजो ने भारत के टुकड़े करवा दिए , अबी कश्मीर में कौनसे अंग्रेज है , या बंगाल में है ??  यह तो इस्लाम का परम कर्तव्य है , जिस देश में भी रहना उसे गई खंडित कर देना , चाहे चीन हो यूरोप , हर देश को मुसलमानो ने तोडा ही है , इनकी कुरआन में देशभक्ति हराम है।

भारत की न्यायपालिका बार बार यह आदेश दे कि  चुकी है की धार्मिक, आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता , किन्तु यहाँ न्यायलाय के सम्मन करने वालो की नानी मर जाती है , न्यायलाय कहती है की किसी भी प्रकार से छल  कपट या धन का लालच देकर धर्म परिवर्तन नहीं करवाया जा सकता , किन्तु उड़ीसा में लगातार यह काम जारी था..... इस कहानी की चर्चा आगे ---

धारा  ३७० को लेकर मुहम्मद जवाहर लाल नेहरू ने कहा की यह घिसते घिसते मिट जायेगी , यह धारा  अस्थायी रोप से लागू हुई थी , किन्तु आज इसने इन्ही मुसलमानो के दबाव के कारण  स्थायी रूप ले लिया है।  आखिर मुस्लमान जो भारत के अन्य  राज्यो में रहे है , क्यू कश्मीरियो को नहीं दुत्कारते , उनकी   गद्दारी के लिए , वो यह नहीं कर सकते , क्यू की गजवा- ए - हिन्द की हदीस के अनुसार अभी अगला विभाजन का नम्बर कश्मीर ही है , भारत के अन्य राज्य भी इनके इस गजवे के कारण सुरक्षित नहीं , किन्तु मुस्लमान कभी इस गजवे की चर्चा कर यह नहीं कहते  की युवाओ को ऐसे गजवो से बचना चाहिए , बल्कि मदरसा आदि में तो पढ़ाया ही यह गजवा ही जाता है।

क्या पढ़ते है मदरसा में  जाकर ??? कुरआन !!  ---- जो सिर्फ हिन्दुओ के कत्लेआम का आदेश देती है , आखिर क्या साबित करना चाहती थी सरकारे , मदरसा को इतनी बढ़ोतरी देकर  ???

संविधान और मुसलमानो ने हिन्दुओ और पीड़ित हिन्दुओ को (जो की खुद को दलित कहते है)  उन्हें अपनी पाँव की जूती  बनाकर रख दिया है , मुझे तो सबसे ज़्यादा हैरत तब होती है , जब भीमरत्ते  मुसलमानो का साथ देते है , उन्हें नहीं पता मुलनिवाशियो , यह बांग्लादेश और पाकिस्तान भी कभी तुम लोगो का ही था ।। और अब भी आप सुरक्षित हो तो इन्ही यूरेशिया वाले लोगो की वजह से ।।

 एक मुसलमान चित्रकार ने बेशर्मी की हदे पार  करते हुए , हिन्दू देवी देवताओ की नग्न तस्वीरे बना दी , किन्तु उसने आएसा और मुहम्मद की तस्वीरे क्यू नहीं बनायी ???  यह मुसलमान सिर्फ हिन्दुओ को अपमानित करने , या उनको आहात करने ही भारत की भूमि पर आज तक है।

इस देश को चंद  लोगो ने मुसलमानो के हाथों बेच खाया है , आखिर जब आप्किस्तान बन ही गया था , तो क्यू हिन्दुओ का गला कटवाने पहले तो इन्हें रखा , उसके बाद सारे अधिकार भी इन्हें दे दिए।   यह धोखा आज हिन्दुओ का जीना हराम कर चुका है , हर जगह भारत में कोने कोने पर मुसलमानो के द्वारा हिन्दुओ को प्रताड़ित किया जा रहा है, धूलागढ़ से मालदा , या कश्मीर , अगर कुछ दिन हम ऐसे ही रहे तो भारत की पावन भूमि से संतो की वाणी गायब हो जायेगी , मंदिर टूट कर मस्जिद बन जाएंगे , ना हमारा अस्तित्व बचेगा , ना रामायण बचेगी , ना वेद।   गुरुग्रंथ साहिब क्या तुम रख सकोगे , सरदारो ???

 कहीं यह सेककलर राजनीती या विशेषाधिकार कानून संविधान के नाम पर हिन्दुओ से गद्दारी तो नहीं ???  यहाँ भी क्या सिरिया की तरह बारूद की गंध, गोलियों की तडातड , वाले सिद्धांत राजनीतिज्ञ और संविधान चाहता है ???

भारत के हिन्दुओ को अपने ही देश में साम्प्रदायिक कह अपमानित किया जाता है , किन्तु क्या मुसलमानो के राज आने के बाद यह आजादी इन टीवी एकंकार को भी मिलेगी , जो आज धर्म के नाम की इतनी  लंबी चौड़ी  व्याख्या करते है।

भारत में इस्लाम तो इस कदर हावी हो गया था , कांग्रेस के समय में, की विदेशनीति भी मुसलमानो की भावनाओ को धयन में रखकर बनायी जाने  लगी थी , विदेश नीति का निर्धारण  प्रत्येक देश अपने राष्ट्र के हित  के लिए करता है , इसके उल्ट भारत में मुसलमानो के हित  और भावनाओ को ध्यान में रखकर विदेशनीति बनाई जाने लगी , ईरान के विरुद्ध परामाणु परीक्षण के खिलाफ मुसलमनो ने वोट नहीं देने दिया , उस समय मनमोहन की सरकार  हुआ करती थी ,
सभी जानते है , ईरान कितना गैरजिम्मेदार देश है।

दूसरी एक घटना तो और खतरनाक है ------ भारत की सरकार कुछ ससमय से मुस्लिम देशो के संगठन में शामिल होने के लिए आवेदन करने लग गयी थी , निवेदन की बेशर्मी इस  कदर है , की अगर स्थायी नहीं , तो अस्थायी सदस्यता ही भारत को दिया जाए.  जागो हिन्दू जागो

आज पाकिस्तान और बांग्लादेश में देखे तो सभी मुस्लमान ही है , तो क्या यह हमारी आअधय्त्मिक हार नही हम हिन्दुओ की ???

हम अब भी कब जागेंगे यह ईश्वर जाने

क्रमश: ---

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