Search This Blog

Friday, January 20, 2017

bhagwan ram ka charitra

 bhagwan ram ka charitra chitran


सृस्टि के आदि से अंत तक , इस लोक में , इस समय तक सबसे , गुणवान , वीर्यवान , धर्मज्ञ , हमेशा सत्यवाक्य बोलने वाला , अपने सुन्दर चरित्र से सभी प्राणियों के दुःख हरने वाला , विद्धवान , सभी शास्त्रो को जानने वाले , सभी कार्यो में समर्थ , एक अभूतपूर्व प्रियदर्शनी सुन्दर , आत्मा को जान दुसरो के क्रोध को प्रेम में बदलने वाला , कांतिमान , जिसकी प्रजा उसके जीते जी कभी उस पर कोई आरोप नहीं लगा सकी, सभी दोषो से रहित ऐसा कौनसा पुरुष है , जिसका में इतिहास लिख सकूँ। ऐसा वाल्मीकि ने नारद मुनि से पुछा ,
नारद जी ने कहा - इस संसार में ऐसा चरित्र तो राम का ही है।
में आपको यह बात इसलिए बता रहा हूँ , की अगर हमारी यह धारणा है की रामायण राम के जन्म के पूर्व ही लिख दी गयी थी , तो यह केवल सफ़ेद झूट है , क्यू की अगर ऐसा होता , तो बाल्मीकि ना यह सवाल नारद से करते , और बाल्मीकि फिर एक अच्छे लेखक नहीं ज्योतिष कहलाये जाते , इतना पूर्वानुमान एक लेखक इतिहासकार नहीं बल्कि ज्योतिष ही लगा सकता है।
रामायण एक धार्मिक ग्रन्थ नहीं है , यह वीर यौद्धा राम की वीर गाथा है , जिन्होंने विश्व विजय किया था , और इस संसार की समस्त भूमि के मालिक बने थे , इसीलिए उन्हें स्वामी और प्रभु भी कहा जाता है। हाँ यह भी बात सच है , की राम एक साधारण मनुष्य ना होकर ईश्वर का अवतार ही थे , क्यू की यही तो ईश्वर का भी कथन है आश्वाशन है , जब जब धर्म का नाश होगा , में उपस्थित हो जाऊँगा , किन्तु ऐसा कतई नहीं है , की मायावी शक्तियों से ही अपने सम्पूर्ण काज कर दिए , उन्होंने साधारण मनुष्य की भांति ही संघर्ष किया है , ताकि आर्य के पिता ईश्वर अपने पुत्रो को संघर्ष करना सीखा सके।

No comments: