महारानी पद्मिनी के जौहर के कारण ----- पढ़िए।
मुस्लिम शाशन में प्रत्येक दिन हिन्दुओ को लुटा और अपमानित ही किया जाता रहा है , असभ्य मुसलमान आज भी इसके प्रत्यक्ष प्रमाण है , जुल्फिकार भुट्टो ने जब भारतीय हिन्दुओ को " कुत्ता " कहा था , तो वह केवल अपने मालिको की पूर्व परंपरा को ही निभा रहा था , हर भारतीय मुसलमान , और मुसलमानो के धर्म ग्रन्थ हिन्दुओ के विरुद्ध नफरत और घ्रणा की ही शिक्षा देते है , उसी का परिणाम यह है की आज अखंड भारत, सोने की चिड़िया भारत टूट फुट के छिन्न भिन्न हो गया , जिस जमीन को हमारे पूर्वजो ने अपने खून से सींच कर पावन बनाया, वो सारी जमीन अपराधी राष्ट्रद्रोही कोम मुस्लमान ने अपने अधिकार में ले ली , जो पावन हिन्द की भूमि न्याय का मंदिर मानी जाती थी , वह आज आतंक का गढ़ बन चुकी है , वजह सिर्फ एक है ---- " मुसलमान "
यह इस्लाम और मुसलमानो ने हम हिन्दुओ के घावों को भरने ही नहीं दिया , हमेशा छल कपट की नुकीली तलवार से हम हिन्दुओ के घावों की दरारों को मुसलमान चौड़ा करते रहे है , ताकि रक्त बहने की गति कभी कम ना हो ।। तलवारो के भी अलग अलग नाम है , सबसे बड़ी तलवार का नाम कांग्रेस है , यह तलवार कहीं जंग लगकर खत्म हो जाए, तो और भी कई ऐसी तलवारे तैयार हुई है , जो हिन्दुओ के गले काट सके , जैसे सपा, बसपा, आम आदमी , सब के सब हिन्दू विरोधी कार्यो में हमेशा लिप्त पाए गए है , क्यू की एक बात मानकर चलिए, जयचंद पहले भी थे , आज भी है , बीजोपी में भी जयचंदो की कमी नहीं है, यह तो ईश्वर के आशीर्वाद से एक संघी शाशक है , नहीं तो जयचंद यहाँ भी अपना काम करके निकल जाते।
इस समय रानी पद्मिनी पर मूवी को लेकर काफी विवाद शुरू हुआ है , में अल्लाउद्दीन खिलजी की पूरी पाप गाथा लिखूंगा , किन्तु पद्मिनी के पहले उसने और भी कई हिन्दू राजघरानो की देवियो पर अपनी कुदृष्टि डाल चुका था , रानियों को बाल पकड़कर हरम में घसीट चुका था। उनमे से ही एक थी देवल देवी
मुसलमानो की सेनाये अलाउद्दीन खिलजी के नेतृत्व में हिन्दू क्षेत्रो में लूट मचाने निकलती ही थी , इस बार बारी गुजरात की थी , अभियान का भार ऊधुल खान और नुसरत खान के ऊपर था , तबाही के भय से मुस्लिम सेना राजधानी अन्हिलवाड़ को छोड़कर गुजरात के करणराय ने अपनी पुत्री देवल देवी के साथ रामदेव राय की शरण ली , पुरे गुजरात को बहुत ही निर्दयतापूर्ण तरीके से लुटा गया , हिन्दू पुरषो के सर पर हथोड़े मार , गरम सरिये आँखों में घुसा, गला रेंट , लोगो को डराकर मुसल्मान बनाया गया , इससे कम यह तो स्पष्ठ है भारत के मुसलमान उन्ही सताये गए , बलपूर्वक मुसलमान बनाये गए पूर्व हिन्दुओ की ही संताने है।
इधर रानी कमलदेवी अन्तःपुर की अन्य रानियों के साथ मुसलमानो के हत्थे चढ़ गयी , सभी का निर्दयतापूर्ण बलात्कार हुआ , कुख्यात नुसरत खान फिर खमबायत की और बढ़ा , उस सम्पन्न नगर के सारे हिन्दुओ को लूट लिया गया , यहाँ एक खूबसूरत हिन्दू बालक भी अल्लाउदीन खिलजी के हाथ लगा , जिससे वह अप्राकृतिक काम करता था , अलाउदीन एक समलैंगिक था , दोस्ताना जैसी मूवी सबसे पहले उसी पर बननी भी चाहिए थी ,
करन देव ने देवगिरि में शरण ली थी , अतः एक तो अपने शत्रु को शरण देने के कारण , और दूसरा हिन्दू होने कारण अब देवगिरि पर हमला करना जरुरी हो गया था ,
१३०६ में दक्षिण को लूटने के लिए मलिक काफूर के अधीन अलाउद्दीन ने एक सैनिक अभियान की शुरुवात की , गुजरात में स्तिथ एक दूसरे सेनापति अलप खा को ससैन्य मालिक काफूर से मिलने का आदेश दिया गया , इस बहाने से की देवगिरि के राजा रामदेव राय ने वार्षिक नजराना नहीं भेजा है , दूसरी महत्वपूर्ण बात यह थी की पहले अभियान में अलाउदीन केवल गुजरात के राजा करनवीर की पत्नी का ही बलात्कार कर पाया था , उस मुसलमान को तो करणवीर की पुत्री का भी बलात्कार करना था , किन्तु वह अपने पिता के साथ भागकर महाराष्ट्र के राजा राजा रामदेव राय के पास शरण लेने आ चुकी थी। इस बार कोमल तन राजकुमारी देवल देवी को पकड़कर , वहीँ उनका सामूहिक बलात्कार कर , खिज्र खान के हरम में भेज दिया गया , सारा का सारा महाराष्ट्र कुचला गया , अनेक मंदिर मस्जिदों में बदल दिए गए मंदिर मस्जिद में बदल दिए गए।
एक हिन्दू रानी और राजकुमारी का का बलात्कार करने वाले अलाउदीन खिलजी को एक नायक के रूप में दिखाकर बॉलीवुड क्या चाहता है , यह अब हिन्दू खुद समझे
मुस्लिम शाशन में प्रत्येक दिन हिन्दुओ को लुटा और अपमानित ही किया जाता रहा है , असभ्य मुसलमान आज भी इसके प्रत्यक्ष प्रमाण है , जुल्फिकार भुट्टो ने जब भारतीय हिन्दुओ को " कुत्ता " कहा था , तो वह केवल अपने मालिको की पूर्व परंपरा को ही निभा रहा था , हर भारतीय मुसलमान , और मुसलमानो के धर्म ग्रन्थ हिन्दुओ के विरुद्ध नफरत और घ्रणा की ही शिक्षा देते है , उसी का परिणाम यह है की आज अखंड भारत, सोने की चिड़िया भारत टूट फुट के छिन्न भिन्न हो गया , जिस जमीन को हमारे पूर्वजो ने अपने खून से सींच कर पावन बनाया, वो सारी जमीन अपराधी राष्ट्रद्रोही कोम मुस्लमान ने अपने अधिकार में ले ली , जो पावन हिन्द की भूमि न्याय का मंदिर मानी जाती थी , वह आज आतंक का गढ़ बन चुकी है , वजह सिर्फ एक है ---- " मुसलमान "
यह इस्लाम और मुसलमानो ने हम हिन्दुओ के घावों को भरने ही नहीं दिया , हमेशा छल कपट की नुकीली तलवार से हम हिन्दुओ के घावों की दरारों को मुसलमान चौड़ा करते रहे है , ताकि रक्त बहने की गति कभी कम ना हो ।। तलवारो के भी अलग अलग नाम है , सबसे बड़ी तलवार का नाम कांग्रेस है , यह तलवार कहीं जंग लगकर खत्म हो जाए, तो और भी कई ऐसी तलवारे तैयार हुई है , जो हिन्दुओ के गले काट सके , जैसे सपा, बसपा, आम आदमी , सब के सब हिन्दू विरोधी कार्यो में हमेशा लिप्त पाए गए है , क्यू की एक बात मानकर चलिए, जयचंद पहले भी थे , आज भी है , बीजोपी में भी जयचंदो की कमी नहीं है, यह तो ईश्वर के आशीर्वाद से एक संघी शाशक है , नहीं तो जयचंद यहाँ भी अपना काम करके निकल जाते।
इस समय रानी पद्मिनी पर मूवी को लेकर काफी विवाद शुरू हुआ है , में अल्लाउद्दीन खिलजी की पूरी पाप गाथा लिखूंगा , किन्तु पद्मिनी के पहले उसने और भी कई हिन्दू राजघरानो की देवियो पर अपनी कुदृष्टि डाल चुका था , रानियों को बाल पकड़कर हरम में घसीट चुका था। उनमे से ही एक थी देवल देवी
मुसलमानो की सेनाये अलाउद्दीन खिलजी के नेतृत्व में हिन्दू क्षेत्रो में लूट मचाने निकलती ही थी , इस बार बारी गुजरात की थी , अभियान का भार ऊधुल खान और नुसरत खान के ऊपर था , तबाही के भय से मुस्लिम सेना राजधानी अन्हिलवाड़ को छोड़कर गुजरात के करणराय ने अपनी पुत्री देवल देवी के साथ रामदेव राय की शरण ली , पुरे गुजरात को बहुत ही निर्दयतापूर्ण तरीके से लुटा गया , हिन्दू पुरषो के सर पर हथोड़े मार , गरम सरिये आँखों में घुसा, गला रेंट , लोगो को डराकर मुसल्मान बनाया गया , इससे कम यह तो स्पष्ठ है भारत के मुसलमान उन्ही सताये गए , बलपूर्वक मुसलमान बनाये गए पूर्व हिन्दुओ की ही संताने है।
इधर रानी कमलदेवी अन्तःपुर की अन्य रानियों के साथ मुसलमानो के हत्थे चढ़ गयी , सभी का निर्दयतापूर्ण बलात्कार हुआ , कुख्यात नुसरत खान फिर खमबायत की और बढ़ा , उस सम्पन्न नगर के सारे हिन्दुओ को लूट लिया गया , यहाँ एक खूबसूरत हिन्दू बालक भी अल्लाउदीन खिलजी के हाथ लगा , जिससे वह अप्राकृतिक काम करता था , अलाउदीन एक समलैंगिक था , दोस्ताना जैसी मूवी सबसे पहले उसी पर बननी भी चाहिए थी ,
करन देव ने देवगिरि में शरण ली थी , अतः एक तो अपने शत्रु को शरण देने के कारण , और दूसरा हिन्दू होने कारण अब देवगिरि पर हमला करना जरुरी हो गया था ,
१३०६ में दक्षिण को लूटने के लिए मलिक काफूर के अधीन अलाउद्दीन ने एक सैनिक अभियान की शुरुवात की , गुजरात में स्तिथ एक दूसरे सेनापति अलप खा को ससैन्य मालिक काफूर से मिलने का आदेश दिया गया , इस बहाने से की देवगिरि के राजा रामदेव राय ने वार्षिक नजराना नहीं भेजा है , दूसरी महत्वपूर्ण बात यह थी की पहले अभियान में अलाउदीन केवल गुजरात के राजा करनवीर की पत्नी का ही बलात्कार कर पाया था , उस मुसलमान को तो करणवीर की पुत्री का भी बलात्कार करना था , किन्तु वह अपने पिता के साथ भागकर महाराष्ट्र के राजा राजा रामदेव राय के पास शरण लेने आ चुकी थी। इस बार कोमल तन राजकुमारी देवल देवी को पकड़कर , वहीँ उनका सामूहिक बलात्कार कर , खिज्र खान के हरम में भेज दिया गया , सारा का सारा महाराष्ट्र कुचला गया , अनेक मंदिर मस्जिदों में बदल दिए गए मंदिर मस्जिद में बदल दिए गए।
एक हिन्दू रानी और राजकुमारी का का बलात्कार करने वाले अलाउदीन खिलजी को एक नायक के रूप में दिखाकर बॉलीवुड क्या चाहता है , यह अब हिन्दू खुद समझे
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