chiman ji appa younger brother of baji rao peshwa
सन् 1739 ई. में पेशवा बाजी के छोटे भाई चिमन जी अप्पा ने पुर्तगालियों से बसीन किले को मुक्त कराने के लिए "बड़वाली" गांव में शिविर लगाया। यह युद्ध तीन साल चलता रहा, परन्तु अप्पा जी किला जीत नहीं सके। उन्होंने वज्रेश्वरी देवी से प्रार्थना की, कि यदि वे किला जीत जाते हैं तो माता का भव्य मन्दिर बनवाएंगे। कहते हैं सपने में देवी ने उन्हें विजयी होने का आशीर्वाद दिया। 16 मई को पुर्तगाली सेना हार गई। चिमन जी अप्पा ने सूबेदार शंकर फाड़के को वज्रेश्वरी माता का भव्य मन्दिर निर्माण का आदेश दिया।
वज्रेश्वरी मन्दिर से कुछ ऊंचाई पर श्रीगिरि गोसावी सन्त गोधड़े वुवा की समाधि (गौतम पर्वत पर) है। इस क्षेत्र के 5 कि.मी. के घेरे में गर्म पानी के 21 कुण्ड थे। इनमें स्नान करने से असाध्य रोगों से मुक्ति मिल जाती थी। अब कुछ कुण्ड सूख गए हैं।
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